वाराणसीः 15 मई को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बड़ा हादसा हुआ। जिसमें प्रशासन समेत कुई बड़े लोगों की लापरवाही का मानला सामने आ रहा है। वाराणसी में कैंट स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल के दो बीम चलती ट्रैफिक पर गिरने से हुए हादसे में अंतरिम जांच रिपोर्ट आ गई है। इस हादसे की जांच के लिए राज प्रताप सिंह कमेटी का गठम किया गया। जिसने बृहस्पतिवार रात 12 बजे तक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
रिपोर्ट में राज्य सेतु निगम के निवर्तमान प्रबंध निदेशक राजन मित्तल समेत सात अधिकारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जिनमें राजन मित्तल, एससी तिवारी व गेंदालाल के अलावा परियोजना प्रबंधक के.आर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लालचंद व अवर परियोजना प्रबंधक शामिल हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सेतु निगम के एमडी राजन मित्तल को तत्काल हटाने का फरमान सुना दिया।
साथ ही बड़े और लंबे समय तक चलने वाले निर्माण कार्यों में थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के निर्देश भी जारी किए गए हैं। साथ ही सौंपी गई जांच रिपोर्ट हादसे के लिए निरीक्षकों का जिम्मेदार ठहराया। बताया जा रहा है कि जांच कमेटी ने हादसे के लिए उन सभी को जिम्मेदार ठहराया है जिन्होंने पिछले दो-तीन महीने के दौरान निरीक्षण किया था।
ये है बड़ी लापरवाहियां-
– वाराणसी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर का डिजाइन या ड्राइंग सक्षम विभागीय अधिकारी द्वारा अनुमोदित नहीं था।
– कॉलम के बीच में ढाली गईं बीमों को क्रॉस बीम्स से टाई नहीं किया गया था।
– बीम्स की गुणवत्ता का कोई रिकॉर्ड उपल्ब्ध नहीं. बीम्स ढालने में इस्तेमाल सीमेंट, सैंड और ग्रिट का अनुपात मानक के रूप में था या नहीं, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है।
– ढाली गई बीम्स की गुणवत्ता की जांच अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही थी।
– ढाली गई कंक्रीट के निर्माण की भी कोई चेकलिस्ट उपलब्ध नहीं है।
– इंस्पेक्शन करने वाले अधिकारियों ने इंस्पेक्शन के बाद कोई कॉमेंट जारी नहीं की।
– फ्लाईओवर निर्माण के दौरान कार्यस्थल की बैरिकेडिंग नहीं की गई।
– फ्लाईओवर के नीचे से चलने वाले ट्रैफिक के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।
इसके अलावा जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में पूर्व मुख्य परियोजना प्रबंधक गेंदा लाल को भी लापरवाही का दोषी करार दिया है।