*सोनभद्र:- म्योरपुर विकास खण्ड के अंतर्गत उर्जान्चल की ग्राम पंचायतों में है ब्यापक भ्र्ष्टाचार-!*
*ग्राम पंचायत जमशीला में जान बूझ कर रेलवे के अतिक्रमण की गई जमी पर बने सौचालय को रेलवे ने किया जमीदोज-!*
सोनभद्र जिले के विकास खण्ड म्योरपुर के शक्तिनगर से अनपरा तक जिसे उर्जान्चल के रूप में जाना जाता है।
इस क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायते है।
इन ग्राम पंचायतों के पास न अपनी भूमि है, नही राज्य सरकार की।
इतना ही नही इन पंचायतों में निवास करने वाले 80% लोगो की अपनी निजी भूमि भी नही है वे भारत सरकार और राज्य सरकारों तथा निजी उद्यगो के द्वारा किसानों से अपने प्रतिष्ठानों के उपयोग के लिए अधिकृत की गई भूमि पर अतिक्रमण कर बस्ती बसा दी गयी है।
इन अतिक्रमण की गई बस्तियों में और कागज पर दो दशक पहले से सरकारी धन का बंदर बाट किया जा रहा है,
जिसमे अरबो का महाघोटाला होना जानकारों के अनुसार बताया जा रहा है।
अभी हालिया घटना जमशीला ग्राम पंचायत में हुए भ्र्ष्टाचार का सामने आया है।
आपको बता दे कि यह सब को मालूम है कि पिछले तीन साल से करैला से शक्तिनगर का विस्तारीकरण का काम चल रहा है।
इसके बावजूद जमशीला के ग्राम प्रधान और सचिव के मिली भगत से अतिक्रमणकारियो की वस्ती मे रेलवे लाइन से सटा के रेलवे के जमीन पर शौचालय बना कर सरकारी धन का दुर्पयोग किया गया।
जो गत महीने रेलवे ने अपने जमीन पर अतिक्रमण कर बनाये गए झोपड़ी और दर्जनों शौचालय को जमी दोज कर अपनी भूमि खाली करा लिया है।
जिसमे दर्जनों शौचालय धराशायी हो गए ,जिससे सरकार को लाखों की छति हुई है।
अभी भी उसी जगह पटरी के दूसरी पार रेलवे पटरी से सटा के बने दर्जनों शौचलयओ को रेलवे कभी भी जमीदोज कर अपनी जमीन खाली कराने वाली है।जिससे हड़कम्प मचा हुआ है।
*रेलवे के विस्तारीकरण की जानकारी होने के बाद भी ग्राम प्रधान व सचिव ने क्यो किया ऐसा?*
बताते हैं कि इस ग्राम पंचायत के पास एक इंच भूमि ग्राम पंचायत और मतदाताओं की नही है।
यहा की सारी भमि परियोजनाओं द्वारा अधिग्रहित है। यही हालत आस पास की सभी ग्राम पंचायतों की है।
इसके बाद भी वीडियो से लेकर नीचे तक और ग्राम प्रधान की मिली भगत से प्रतिवर्ष उर्जान्चल की ग्राम पंचायतों में करोड़ो का गोल माल दो दशक पहले से निर्भक तरीके से चला आरहा है।
इसी का एक छोटा सा उदाहरण जमशीला ग्राम पंचायत में गत दिनों उजागर हुवा है।
जिसकी जांच करा कर्यवाही होनी चाहिए,
क्यो की परियोजना या रेलवे की जमीन का वगैर अनाप्ति प्रमाण पत्र व निर्माण करने के बगैर आदेश के यहा के पंचायतों में कैसे सौचालय,आवास आदि के निर्माण कार्य कराए जाते रहे हैं?
और इनका भुगतान कैसे किया जाता रहा है? जो जांच का विषय है।
भजपा के वरिष्ठ नेता पत्रकार के सी शर्मा ने सूबे के मुख्यमंत्री का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ जांच करा कार्यवाही करते हुए सम्बन्धितों से सरकारी धन का नियम विपरीत दुरपयोग करने के कारण इनसे इसकी रिकभरी कराई जाए।
*उर्जान्चल के ग्राम पंचायतों का क्रमशः अब सिलसिलेवार भ्र्ष्टाचार उजागर, परत दर परत आगे किया जाएगया*,
*करिये अगले क़िस्त का इंतजार?*