लखनऊः उन्नाव रेप के मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में ले लिया गया है। जिसके बाद से ही सीबीआई उनसे पूछताछ में जुटी हुई है। हालांकि उनकी गिरफ्तारी होगी या नहीं ये अभी सीबीआई ने तय नही किया है। वहीं यूपी पुलिस ने हाईकोर्ट में बताया है कि उनको गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है। ऐसे में सबूतों का सामने आना सबसे अहम माना जा रहा है।
बता दें कि, जिस बीजेपी विधायक पर रेप केस लगा है वो पहले कांग्रेस पार्टी के विधायक रह चुकें हैं।
– विधायक कुलदीप सेंगर के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366 (अपहरण कर शादी के लिए दवाब डालना), 376 (बलात्कार), 506(धमकाना) और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
– इस मामलें में होने वाली अब सभी जांच CBI ही करेगी।
– वहीं, एसआईटी रिपोर्ट में कई जगहों पर लापरवाही की बात सामने आई। इतना ही नहीं, जिला चिकित्सालय के रिपोर्ट पर कारागार में लापरवाही की भी बात सामने आई थी। जिसके बाद ये मामला सीबीआई को दिया गया।
– रिपोर्ट के मुताबिक जेल दाखिले से पहले मृतक पिता का मेडिकल टेस्ट सही से नहीं किया गया। इसलिए जिला मेडिकल के सीएमएस, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर प्रशांत उपाध्याय और तीन अन्य डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया।
– इतना ही नहीं पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सम्मान दे कर संबोधित किया, जिसके बाद से पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
– कुलदीप सिंह सेंगर लगातार चार बार से विधायक है और कभी चुनाव नहीं हारे। इतना ही नहीं तीन बार उनका निर्वाचन क्षेत्र अलग-अलग रहा है।
– कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की और 2002 का चुनाव कांग्रेस की टिकट पर उन्नाव से लड़ा और जीते हासिल की थी।
– इसके बाद वह कांग्रेस का साथ छोड़कर साल 2007 में बीएसपी का दामन थाम कर उनकी टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते भी लेकिन इसके बाद उनकी मायावती से ज्यादा नहीं बनी और उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
– इसके बाद वो 2012 का विधानसभा चुनाव सपा की टिकट पर लड़े। मुलायम ने उन्हें भंगवत नगर सीट से टिकट दी और उन्होंने जीत हासिल की।
– इसके बाद वो उन्होंने सपा साथ छोड़ा और फिर बीजेपी का दामन थामा। यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी से लड़ा। बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को बांगरमऊ से टिकट दिया जिसपर उन्हें जीत मिली।
– कुलदीप सिंह सेंगर ने साल 2007 में चुनावी घोषणा पत्र में अपनी संपत्ति 36 लाख बताई थी और वहीं, साल 2012 तक उनकी संपत्ति एक करोड़ 27 लाख तक बताई गई। जिसके बाद साल 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में उनकी संपत्ति 2 करोड़ 14 लाख बताई गई है।