*पत्रकार एवं भाजपा नेता को धमकी देने वाले विजली कर्मी को “बालि का बकरा” बना, धमकी दिलाने वाले “जे ई” को आखिर विभाग के अधिकारियों ने बचा ही लिया-
विजली विभाग के उच्चाधिकारियों ने भले ही एक अदने से कर्मचारी को उसका स्थानांतरण कर उसे बली का बकरा बना, अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लिया हो, लेकिन इस धमकी का असली सूत्र धार को राहत मिलने वाली नही हैं।
हा उसका अपराध तो सीधा साक्ष्य के साथ आडियो के माध्यम से दिख ही रहा है।
तो कुछ कार्यवाही दिखाने के लिए करना ही था,
परन्तु स्थानांतरण कोई कार्यवाही नही होती।
किंतु इस कार्यवाही से यह तो सावित हो ही चुका है कि अकूत सम्पत्ति का मालिक यह जे ई कितना ताकत वर और नटवरलाल है।
खुद तो सब किया और कराया लेकिन जब फसने का मामला आया तो कायरों जैसे सारा ठीकरा उक्त कर्मचारी पर फोड़ते हुए अपना पल्ला झाड़ किनारे होगया।
लेकिन सरकार की क्षवि
गिराने वाले भृष्टाचारियो को कत्तई बक्सा नही जाएगा।
इसके चाँदी की जूती के आगे सारे विभागीय अधिकारियों ने भले ही घूटने टेक इसे अपना संरक्ष्ण दे दिया हो, लेकिन ये पब्लिक है जो सब जानती है।
विजली विभाग में नीचे से लेकर ऊपर तक किस कदर भ्र्ष्टाचार व्याप्त है उसे सहज ही समझा जा सकता है।
खैर बकरे की माई कितना दिन खैर मनाएगी, यह देखने वाली बात है?
*15 अगस्त के बाद क्षेत्रीय विधायक सहित जनपद के कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं और पत्रकारो के साथ सूबे के मुख्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री से मिल खोलेंगे इसका काला चिठ्ठा!*
जनपद सोनभद्र के उर्जान्चल में किस कदर विजली विभाग में भ्र्ष्टाचार है व्याप्त है ।
यह सबको जग जाहिर है।
*”गर्मी भर” पल- पल बिजली कटौती से बिलखती रही जनता!*
इस साल गर्मी में इस क्षेत्र की जनता विजली कटौती से त्रस्त हो गयी, लेकिन यह जे ई इतना वेख़ौफ़ है कि जनता भले बिजली कटौती से बिल -बिला रही हो इन्हें कोई फर्क नही पड़ता।
लेकिन राज्य सरकार की छवि पर इसका असर पड़ता ही है। इस जे ई के कार्यप्रणाली से भाजपा और उसकी सरकार के प्रति जनता में आक्रोश व्यात हैं जो कभी भी जनांदोलन में परिवर्तित हो सकता है।
जिसके लिए यह बहुत हद तक जेई और विभागीय अधिकारीयो का गैरजिम्मेदाराना रवैया ही जिम्मेदार है, जिसकी जानकारी सूबे के ऊर्जा मंत्री से मिल उन्हें शीघ्र कराई जाएगी और इसके खिलाफ कार्यवाही कराई जाएगी।
*शराब के अड्डो से विजली कटी, की नही?,पर जल रही है पूर्वत निर्वाध गति से!*
गत दिनों विजली विभाग के जेई ने वर्षो से फ्री जल रही बिजली का कनेक्शन विच्छेद करने का नाटक किया था,
जिसका शाम ढलते ही पर्दाफास हो गया ।
क्यो कि उसी रात शराब के अड्डो पर पूर्वत बिजली जलती देखी गयी जो आज भी जल रही है।
आखिर यदि बिजली कनेक्शन काटा गया तो यह तो प्रमाणित हो ही गया कि वर्षो से विभागीय अधिकारियो के सरपरस्ती में विजली चोरी हो रही थी और ये अपने जेब लाल करते रहे हैं।
फिर इनके खिलाफ कार्यवाही कैसे करते?
यह कैसे हो सकता है कि जे ई को अपने क्षेत्र की जानकारी न हो और वर्षो से यह खेल सिर्फ कर्मचारी ही करते रहे हो?
यह तो तब पता चलता जब जेई ने बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराया होता?
यह एक मात्र उदाहरण भर है।यहा तो वड़े पैमाने पर विजली चोरी होती है,जिससे घरों में तो चोरी की बिजली जलती ही है, लेकिन न जाने कितने वेल्डिंग की मशीनें, कारखाने, खराद मशीनें सहित कई तरह के धंधे चोरी के बिजली से चलते हैं।
इनमें कुछ तो दिखाने के लिए घरेलू कनेक्शन ले रख्खे है, बहुत तो विभागीय कर्मचारियों को सेट कर अपना काम करते रहते हैं।
यह कर्मचारी अपने जे ई को एक निश्चित रकम हर महीने पहुचाते रहतें है।
यदि विभागयीं अधिकारियों ने समय रहते हुए कार्यवाही नही की तो वह दिन दूर नही है, जब धमकी और गाली गलौज के विरोध में थाने में एफ आई आर भी दर्ज कराई जाएगी, और विद्दुत सब स्टेशन शक्तिनगर पर धरना प्रदर्शन भी आयोजित किये जाने की तैयारी में भाजपा नेता व पत्रकार के सी शर्मा के समर्थक जुट चुके हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बीजली विभाग के उच्चाधिकारियो का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया
हैं।