नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Pael) ने अपने पद से इस्तीफ दे दिया है। बता दें कि, अगले 9 माह के बाद वो अपने इस पद से रिटायर होने वाले है। कहा जा रहा है कि, सरकार के विवाद के चलते ही उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दिया है।
इनसे पहले कुछ ऐसे ही हालातों में रघुराम राजन ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था। वहीं, उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म होने वाले था, लेकिन 9 महीने पहले ही उनका ये कदम केंद्र की मोदी सरकार के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। उर्जित पटेल सितंबर 2018 में आरबीआई (RBI) के गवर्नर बने थे।
जानिए इस्तीफे की वजह
इस्तीफा देते हुए उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, रिजर्व बैंक में काम करके अच्छा लगा। मैं व्यक्तिगत कारणों की वजह से तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व की बात रही। उनके काम में उन्हें आरबीआई के अधिकारियों, प्रबंधन और स्टाफ का भरपूर सहयोग मिला। जिसके लिए मैं आरबीआई बोर्ड के सभी निदेशकों और सहकर्मियों का शुक्रिया अदा करता हूं”।
बता दें कि, भले ही पटेल ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया हो लेकिन कहा जा रहा है कि गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel ) और केंद्र सरकार के बीच कई मुद्दों पर मतभेद और तनातनी की स्थिति थी। जिसके चलते दो दिन पहले सरकार और उर्जित पटेल के विवाद के बाद आरबीआई ने बैठक भी बुलाई थी। जहां पर उनसे जुड़े मसलों पर बात भी की थी।
क्या कहते हैं मौजूदा हालात
गौरतलब है कि, पटेल के इस कदम से आरबीआई की स्वायत्ता पर असर पड़ने की पूरी संभावना है, क्योंकि सरकार के पास एक तरह से केंद्रीय बैंक का पूरा नियंत्रण चला जाएगा। पटेल के जाने के सरकार के कई सेक्शन पर गहरा प्रभाव भी देखा जा सकता है।
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