मध्य प्रदेश/इंदौरः भारतीय राजनीति में अपनी पहचान फिर से मजबूत करने में जुटी कांग्रेस पार्टी सोमवार को मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची थी। बता दें कि, दशकों पहले दिसंबर 1979 में इंदिरा गांधी सत्ता में लौटने से पहले महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची थीं।
सोनिया गांधी भी आई हैं
वहीं, सोमवार को राहुल गांधी भी माथा टेकने के लिए इसी मंदिर में आए। इससे पहले सोनिया गांधी साल 2008 में यहां आईं। लेकिन इस दौरान कांग्रेस को मध्य प्रदेश में हार का मुह देखना पड़ा था। हालांकि, एक साल बाद ही उन्होंने केंद्र में दोबारा अपनी सरकार बना ली थी। वहीं, कहा जा रहा है कि, इस मंदिर की मान्यातओं और पार्टी के साथ जुड़े मंदिर के कनेक्शन को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को उज्जैन स्थित चर्चित शिव मंदिर पहुंचे।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां सफेद धोती पहनी हुई थी। माथे पर त्रिपुंड और तिलक लगाया था। और पूरे विधि-विधान से महाकालेश्वर की पूजा भी की। बता दें कि यह 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं और इसे मध्य प्रदेश की राजनीति में भी काफी अहम माना जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी आए थे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी जन आशीर्वाद यात्रा यहीं से शुरू की थी। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष अमित भी यहां पर माथा टेकने के लिए आ चुके हैं। और राज्य कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने भी भगवान महाकाल को ये कहते हुए खुला खत लिखा था कि, वो सीएम शिवराज को को अपना आशीर्वाद न दें।
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राहुल गांधी का पूरा शेड्यूल
- मंगलावर, 30 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से 10 बजे तक इंदौर रेडिसन में संपादकों, पत्रकारों, व्यापारी समुदाय और व्यवसायियों से बातचीत करेंगे।
- इसके बाद धार और खरगोन में आम सभाओं को संबोधित भी करेंगे।
- जिसके बाद शाम 4.50 बजे महू पहुंचकर आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
- साथ ही महू में ही नया दशहरा मैदान में आमसभा को भाषण भी देंगे।
- वहां से शाम 7 बजे सड़क मार्ग से इंदौर पहुंचेंगे। जहां विशेष विमान से दिल्ली आएंगे।
- इस दौरान राहुल गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपनी पकड़ खो रही है। 50 सीटों के इस क्षेत्र में कांग्रेस के पास महज चार सीटें ही बची हुई हैं। जबकि 45 सीटों के साथ बीजेपी ने इसे अब अपना गढ़ बना लिया है। वहीं, इंदौर में नौ सीटों में से आठ सीटें जबकि उज्जैन की सभी सीटें, देवास की पांचों सीटें, रतलाम की पांच सीटें, शाजापुर की सभी पांच सीटें, नीमच की तीन सीटें और धार जिले की सात सीटों में से पांच सीटें भी बीजेपी के ही पास हैं।
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