*पुलिस अधिकारी अच्छे मनोवैज्ञानिक भी बनें-DGP*
महिला अपराध अनुसंधान पर पुलिस अधिकारियों का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कौशल उन्नयन प्रशिक्षण शुरू।
पुलिस अधिकारी अच्छे मनोवैज्ञानिक भी बनें, जिससे पीडि़तों की काउंसलिंग कर उनकी मदद की जा सके।
पुलिस का व्यवहार पीडि़त पक्ष के प्रति सदैव संवेदनशील होना चाहिए, क्योंकि पुलिस के पास शिकायत लेकर आने वाले पीडि़त पक्ष की मानसिक स्थिति उस समय सामान्य नहीं होती।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के साथ-साथ पुलिस की यह भी प्रमुख ड्यूटी है कि अपराध होने ही न दें।
उन्होंने यह भी कहा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराधों की विवेचना व्यवसायिक दृष्टिकोण के साथ पूरी गंभीरता से की जाए। फॅारेंसिक साक्ष्य लेने का तरीका सही हो, जिससे न्यायालय में हमारे साक्ष्य खरे उतरें और अपराधियों को दंड मिल सके।
इसमें प्रदेश के सभी जिलों से आए निरीक्षक व उपनिरीक्षक स्तर के लगभग एक सैकड़ा पुलिस अधिकारी शिरकत कर रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध अन्वेष मंगलम, यूनीसेफ के प्रतिनिधि लॉलीचेन, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अनंत कुमार अस्थाना, दिल्ली महिला आयोग के सलाहकार राजमंगल प्रसाद तथा यूनीसेफ के वरिष्ठ सलाहकार शाहबाज खान सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।