अमेठी से अशोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के अमेठी के जिलाधिकारी डॉ राम मनोहर मिश्र ने मंगलवार को जगदीशपुर थाना क्षेत्र के कठौरा गांव में चौपाल लगायी। इस दौरान अचानक एक फरमान जिलाधिकारी ने एसएचओ जगदीशपुर व कमरौली को सुना दिया कि खुले में शौच करने वालों की फोटोग्राफी कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाय।
अब जिलाधिकारी का आदेश है तो मातहत की क्या मजाल कि इनकार कर दें लेकिन इस आदेश के बाद पुलिस को एक और नई जिम्मेदारी मिल गयी। अब मित्र पुलिस इस सोच में पड़ गयी है पूरा टाइम अपराधियों की धरपकड़ व थाने पर आने वाली पीड़ित जनता की समस्या को देखने में लगाये कि पूरा दिन खुले में शौच करने वालों की निगरानी कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करे।
एक तरफ जिले में शौचालय निर्माण में धांधली की खबर मीडिया में छाई हुई है तो वहीं ग्रामीण भी शौचालय निर्माण में हुई धांधली की शिकायत जिलाधिकारी से खुद कर रहा है। हद तो ये है स्वयम जिलाधिकारी महोदय भी किये जा रहे शिकायतों का संज्ञान भी नहीं ले रहे हैं। शौचालय का निर्माण अमेठी में 50 प्रतिशत से भी कम हुआ है लेकिन कागजों में जिले मे शौचालय निर्माण शतप्रतिशत पूरा हो चुका है। योजना की जमीनी हकीकत ये है कि कही सोखता नही बना है तो कही केवल दीवार बनी है कही सीट नही है कही आधी दिवार खडी है कही छत नही है तो कही गडढे खोद कर छोड दिये गये है तो कही लोगो को 6000 रूपये की पहली किस्त मिलने के बाद दूबारी नसीब नही हुई है लेकिन इसकी जांच और दोषियो पर एफ आई आर के आदेश होने के बजाय जनता को खुले में शौच करते हुए देखे जाने पर उस पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया गया।
अमेठी के डी एम का बयान जनता की बीच बना मजाक