अहमदाबाद: 16 साल पहले गुजरात में नरसंहार देखा गया था जो अब तक सबसे बड़ा दंगा भी है। इस मामने में आज कोर्ट का फैसला करने वाला है। गौरतलब है कि, इस केस में स्पेशल कोर्ट ने बीजेपी विधायक माया कोडनानी और बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को दोषी करार दिया था। इन्हीं की अर्जी पर आज गुजरात हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है।
ये मामला 16 साल पहले 28 फरवरी साल 2002 का है जो अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में हुए सबसे बड़ा नरसंहार कहा जाता है। बता दें कि, इससे एक दिन पहले 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगियां जलाने की घटना के बाद अगले दिन गुजरात में दंगे की आग में बुी तरह झुलस गया था।
जिसका सबसे ज्यादा असर नरोदा पाटिया पर देखा गया। इन दंगों में नरोदा पाटिया में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। और 33 लोग जख्मी हुए थे।
पिछले साल अगस्त में इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति ए एस सुपेहिया की पीठ ने मामले की सुनवाई तो पूरी कर ली थी, लेकिन अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि, अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिये विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई थी।
किसके खाते में कितनी सजा-
– भाजपा नेता माया कोडनानी – 28 साल की कारावास
– एक अन्य बहुचर्चित आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास।
– सात अन्य को 21 साल की आजीवन कारावास।
– शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा।
बता दें कि, इस मामले की पिछली सुनवाई में एसआईटी ने कोर्ट में कहा था कि घटना के अगले दिन विधानसभा में शोक सभा का आयोजन किया गया था। शोक सभा में शामिल होने के बाद माया कोडनानी इलाके में गई थीं।