शनिदेव को धर्म ग्रंथों के अनुसार ग्रहों में न्यायाधीश बताया गया है। वे मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं। इसलिए उन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है।
जिस किसी पर भी शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैय्या रहती है, उसे उस समय बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मान्यता है कि शनिवार की पूजा से शनि की ढैया और साढ़ेसाती से मुक्ति पाई जा सकती है।
करें ये उपाय-
– शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करें।
– शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गुड़ आदि अर्पण करें।
– शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में शनि देव के नाम से दीप प्रज्वलित करें।
– शनिवार को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करें।
– शनि की शांति के लिए नीलम को पहनें।
– शनिवार को शनि मंदिर में जाकर उड़द की दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाकर प्रसाद वितरण करें।
– शनिदेव की प्रसन्नता के काली चींटियों को गु़ड़ और आटा खिलाएं।
– शनिवार को काले रंग के वस्त्र धारण करें।
– शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने हुए पाप कर्म के लिए क्षमा याचना करें।