हिंदू शास्त्रों और पुराणों में भगवान शिव को त्रीदेवों में सबसे उत्तम स्थान दिया गया है। भगवान शिव को सर्व शक्तिमान के साथ साथ भोले नाथ भी कहा गया है। उन्हें त्रीदेवों के देव महादेव भी कहा जाता है। भगवान शिव की आराधना करके सर्व तकलीफों से दूर हुआ जा सकता है।
कहा जाता है कि, भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। हालांकि, उन्हें प्रसन्न करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन अगर श्रध्दा और पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो अवश्य ही वो अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते है। और उनकी हर इच्छा को पूरी करते हैं। आज के इस लेख में हम आपको ऐसे उपायों और नियमों के बारे में बताने वाले है जिसके जरिए आप भगवान शिव की अराधना कर उन्हें प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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किस दिन करें शिव पूजा
शिव पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार।
शिव अराधना में क्या अर्पित करें
आक, बिल्वपत्र, भांग, जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग। इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज शिवलिंग पर चढ़ा जाता है।
शिव अराधना में वर्जित हैं ये चीजें
हल्दी- शिवजी की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसी वजह से महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
फूल- शिव को कनेर और कमल के अलावा लाल रंग के फूल प्रिय नहीं। शिव को केतकी और केवड़े के फूल चढ़ाना वर्जित है।
कुमकुम या रोली- शास्त्रों के अनुसार शिव जी को कुमकुम और रोली वर्जित है।
शंख- शंख भगवान विष्णु का प्रिय है लेकिन शिव जी ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए शंख भगवान शिव की पूजा में वर्जित है।
नारियल पानी- नारियल पानी से भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए। नारियल लक्ष्मी मां का स्वरूप माना जाता है इसलिए सभी शुभ कार्य में नारियल का प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है। हालांकि, शिव पर अर्पित होने के बाद नारियल का पानी ग्रहण नहीं करना चाहिए।
तुलसी दल- तुलसी का पत्ता भी भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
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कैसे करें शिव अराधना
-जिस दिन शिव पूजन करना चाहते हैं, उस दिन सुबह स्नान आदि करके घर के मंदिर या किसी शिव मंदिर जाएं।
-मंदिर पहुंचकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल अर्पित करें।
-जल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर चंदन, चावल, बिल्वपत्र, आंकड़े के फूल और धतूरा चढ़ाएं।
शिव अराधना में करें इस मंत्र का जाप
मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
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